Saturday, October 30, 2010

Gold for Aryan!


In the Inter school skating competition for Sahodaya Schools in “Samagam 2010-11” held on 29.10.10 Aryan D’souza, class IV from Indus World School Indore bagged 1st Prize in below 12yrs category.

Congratulations Aryan from the entire Indus World School family!

Tuesday, October 26, 2010

A Poem about preserving our environment

मेरी नानी एक कहानी सुनाती
अपने बचपन की यादें संजोती
कहती काश वो दिन फिर आते
और हमें आभास कराते

कि क्या-क्या खो दिया हमने
तरक्की की इस होड़ में भागते

एक गौरैया का घोसला था घर में
मखमली सी घास पर थे दो अंडे
बच्चों से आँख-मिचौली खेल में
उनमें से आखिर निकले थे चूजे

आज कहाँ कोई गौरैया घर में
कहाँ उसके चूजे जन्में
मिट्टी की गौरैया रह गयी
मिट्टी के ही चूजे शेल्फ में

कि क्या-क्या खो दिया हमने
तरक्की की इस होड़ में भागते

नानी बताती उस नदी की कहानी
जो बहती थी बस कुछ ही दूरी पर
हर सुबह सब बच्चे जाते
नहाते और खूब मस्त हो जाते

आज भी वह नदी है बहती
पर गन्दगी के आंसू झरती
सारे शहर के लोग बस उसे
एक गन्दा नाला ही समझते

कि क्या-क्या खो दिया हमने
तरक्की की इस होड़ में भागते

नानी के घर के पास के खुले मैदान में
बसा था बच्चों का पूरा संसार
स्कूल के बाद के चार घंटों में
बटोरते रंग और खुशियाँ अपार

उस मैदान का एक कोना
आज बन गया कचरे का ढेर
बाकी हिस्से पर इमारतें बनीं
जो ढोतीं बच्चों की किताबों का बोझ

कि क्या-क्या खो दिया हमने
तरक्की की इस होड़ में भागते

नानी से और ना कहा जाता
आँखें नम हो जातीं थीं
अपने अतीत के उन पलों में
हमारा भविष्य खोजती थीं

शायद हम बहुत कुछ ना कर सकें
नानी की कहानी को फिर से जीवंत करने में
पर थोड़ी कोशिश तो अवश्य करें
उसकी छवि को संजोने में

- अनिरुद्ध फड़के 

Wednesday, October 20, 2010

Story-telling by a first grader



Bhaskar Karmakar tells a story during one of our story-telling sessions in his class. Very endearing indeed!

Monday, October 11, 2010

Contribution to the Society

Indus World School is proud to present the Official Website of the Indore Zoo, www.zooindore.com. Our children contributed to the content for the site, while the technical expertise was provided by www.indore360.com, the complete web portal of Indore.



Please do check out the site and give your feedback. We are happy with the humble beginning, but would want the city to get involved in maintaining the site. We hope that this will also generate renewed interest in the Zoo, and help make it better and better.