चूहा है बड़ा ही नटखट,
करता है शैतानी बहुत।
देख पर मौसी बिल्ली को,
याद उसे आती है नानी बहुत ।
चीज़ें को है कुतरता,
सदा ही कुछ कुछ खाता।
काटी है उसने रजाई ,
और काटा है मेरा जूता ।
बोली मौसी बिल्ली,
हो न तुम परेशान,
एक दिन में ही मैं ,
कर दूँगी चूहे का काम तमाम।
Sanya Shrivastava
class 2
Ullhas
No comments:
Post a Comment